ओस की बूँद सी होती हैं बेटियाँ ,
पापा की प्यारी और दादी की दुलारी होती हैं बेटियाँ !
माँ -बाप के दर्द में हमदर्द होती हैं बेटियाँ ,
पापा की प्यारी और दादी की दुलारी होती हैं बेटियाँ !
माँ -बाप के दर्द में हमदर्द होती हैं बेटियाँ ,
रौशन करेगा बेटा तो बस एक ही कुल को !
पर दो -दो कुलों की लाज होती हैं बेटियाँ ,
हीरा अगर है बेटा तो सच्चा मोती हैं बेटियाँ !!
काटों की राह पर चलती हैं बेटियाँ ,
औरों की राह में फूल बनाती हैं बेटियाँ !
कहने को तो पराई अमानत हैं बेटियाँ ,
पर बेटों से भी बढ़कर होती है बेटियाँ ,!!
यदि बेटा है आँख तो पलक हैं बेटियाँ ,
जीवन का सारांश हैं बेटियाँ !
बेटी धन पराया होता है यह मैं सुनती आई हूँ ,
दर्द बिदाई का क्या होता है आज समझ में आया है.!!
गम और ख़ुशी का कैसा यह रिश्ता है आज समझ पाई हूँ,
मेरी ही परछाई आज ले रही है मुझसे ही बिदाई!
आप सब की लाड़ली अब ले रही है बिदाई ,
कैसी यह घड़ी है कि ना चाहते हुए भी कर रहे है जुदा !!.